डर लगता है...अब केसे कहु दर - ब - दर लगता हे ,की तूझे खोने से बहोत डर लगता हे ।.रूस जाऐ जो गर तु पल भर भी ,तो लगता हे लम्हा हर ठहेरने लगता हे।.पास हो तुम तो जैसे सजा शहेर लगता हे,वरना तो हर लम्हा बेखबर लगता हे ।.देकर खुदा ने तुमको जेसे किया हो मेरेकर्मो को सर्भर लगता हे ,अब लोगो के तानो का असर बेअसर लगता हे ।.कि हा, तुझे खोने से बहोत डर लगता है ।