Aksharathalukal

इश्क़ हे मुझे ।

इश्क़ हे मुझे ..

इस नजरे बिगाड ने वाले जमाने मे ,
तुम्हारी उस‌ मासूमियत भरी शरीफ
निगाहो से इश्क़ हे मुझे ।

तुम्हारा यु मुझे चिडाना और फिर
मुझे गुस्सा आऐ तब हसा कर मनाना इस 
प्यारी सी आदत से इश्क़ हे मुझे ।

मेरी हर बात का उलटा जवाब देता 
लेकीन गर कोई गलती से भी मेरे बारे 
मे उलटा बोल दे तब आ रहे तुम्हारे उस
बेकाबु गुस्से से इश्क़ हे मुझे ।

जिसे देख के होश मे होके भी बेहोश सी
 लगू तुम्हारी उस नसीली मुस्कान से
इश्क़ से भी बेहद इश्क़ हे मुझे ।

डर लगता हे ..💯

डर लगता हे ..💯

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डर लगता है...अब केसे कहु दर - ब - दर लगता हे ,की तूझे खोने से बहोत डर लगता हे ।.रूस जाऐ जो गर तु पल भर भी ,तो लगता हे लम्हा हर ठहेरने लगता हे।.पास हो तुम तो जैसे सजा शहेर लगता हे,वरना तो हर लम्हा बेखबर लगता हे ।.देकर खुदा ने तुमको जेसे किया हो मेरेकर्मो को सर्भर लगता हे ,अब लोगो के तानो का असर बेअसर लगता हे ।.कि हा, तुझे खोने से बहोत डर लगता है ।